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जानिए सूरह कहफ़ की 4 कहानियां और उसे पढ़ने के फायदे

surah kahf in hindi

सूरह अल कहफ़ पवित्र क़ुरान की 18 वीं सूरह हैं। ये क़ुरान के 15 और 16 पारे में मौजूद हैं। यानि के इस सूरह को आप क़ुरान के 15 वे और 16 वे  पारे में पढ़ सकते हैं। सूरह कहफ़ का मतलब होता है गुफा इस सूरह में कुल 110 आयतें, 1583 शब्द और 6425 अक्षर मौजूद हैं। ये मक्का में नाज़िल हुई थी इसलिए इसे मक्की सूरह भी कहा जाता हैं। इस सूरह में कहफ़ नाम एक गुफा में मौजूद लोगो की कहानी से लिया गया हैं। इस सूरह में 4 अलग अलग कहानियों का ज़िक्र आया हैं ये चार कहानियों के नाम इस प्रकार हैं। 

  1. गुफा में रहने वाले लोगों की कहानी
  2. बगीचों वाले अमीर आदमी की कहानी
  3. हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी
  4. राजा धुल क़रनैन की कहानी 

इन्हीं 4 अलग अलग कहानियों के बारें में सूरह कहफ़ में बताया गया गया हैं। इन कहानियों को पढ़ कर आप को बहुत बड़ा सबक मिल सकता हैं। इन कहानियों के माध्यम से हमें कुछ ज़रूरी बातें बताई गयी हैं जैसे हमने अपनी जवानी में क्या किया और अपने धर्म का कैसे पालन किया? हमने जो पैसा कमाया वो किस काम में लगाया? जो इल्म हमने हासिल किया उसका इस्तेमाल कैसे और कहाँ किया? आखिर में अपनी ज़िन्दगी में किस तरह बिताया? यही सवाल इन चार कहानियों में बताये गए हैं मतब इन्हीं सवालों के ऊपर वो 4 कहानियां सूरह कहफ़ में बताई गयी हैं। अगर आपको इन सवालों के जवाब चाहिए तो आपको सूरह कहफ़ में मौजूद इन चारो कहानियों को पढ़ना चाहिए। हम इस आर्टिकल में उन चार कहानियों को शार्ट में बताने की कोशिश करेंगे।

पहली कहानी (गुफा में रहने वाले लोगों की कहानी)

पहली कहानी गुफा के लोगों की कहानी हैं। जो अल्लाह पर भरोसा करते थे लेकिन वहां मतलब उनके इलाके के लोगों ने उन्हें उनके घर से निकल दिया क्यूंकि वह एक अल्लाह को मानने लग गए थे। जब वह घर से निकल कर एक गुफा में अल्लाह की इबादत के लिए पहुंचे तब अल्लाह ने उन्हें करीब 300 सालों तक गहरी नींद सुला दिया था। जब वे नींद से जागे तो उन्हें लगा की कुछ घंटे की ही नींद निकलकर वो उठे हो लेकिन अल्लाह ने उन्हें करीब 300 सालों तक गहरी नींद सुलाया जबकि वो इतने लम्बे सालों तक सोये थे। जब वो सोकर उठे तब उन्होंने देखा का वहां रहने वाले सभी लोग ईमान वाले बन गए थे। ये कहानी इस तरह का सबक देती हैं की जब आप अल्लाह पर यकीन करते हैं। तब अल्लाह भी आपकी हिफाज़त करता हैं। जब भरोसा अल्लाह पर से उठ जाता है तो मुसीबतें भी ज़्यादा आती हैं और आप उन मुसीबतों से निकल नहीं पाते। इसलिए चाहे जितना ज़ुल्म हो जाये जितनी आफ़तें आ जाये हमें अल्लाह पर हमेशा भरोसा रखना चाहिए।

दूसरी कहानी (बगीचों वाले अमीर आदमी की कहानी)

ये कहानी ऐसे आदमी की थी जिसके पास 2 बहुत बड़े बड़े बगीचे थे जो बहुत अमीर था जिसके पास सबकुछ था लेकिन उनसे अल्लाह का कभी शुक्र अदा नहीं किया। जिसकी वजह से एक दिन उसके दोनों बगीचे बर्बाद हो गए। इस कहानी से ये सबक मिलता हैं की जब अल्लाह हमें दौलत से नवाज़ता हैं तो हमें उसका शुक्र अदा करते रहने चाहिए।

तीसरी कहानी (हज़रत मूसा और बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी)

इस कहानी के मुताबिक एक बार हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम इसराइल बनी इसराइल यानि इसराइल के बच्चो को कुछ बता रहे थे तभी किसी बच्चे ने आपसे पूछा की सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कौन हैं? तब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अपना खुद का ज़िक्र किया और कहा की मैं सबसे बुद्धिमान और विद्वान व्यक्ति हूँ। अल्लाह को मूसा की ये बात बहुत बुरी लगी। अल्लाह ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से कहा की तूने अल्लाह का ज़िक्र नहीं किया और सीधे अपना नाम बता दिया क्यूंकि सिर्फ अल्लाह ही जानता हैं की सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कौन हैं? उसके बाद अल्लाह ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को जहाँ दो समुन्दर का संगम होता हैं वहां जाने का हुक्म दिया और कहा की वहां पर यानि उस जगह पर तुझे सबसे बुद्धिमान मिलेगा जो तेरे से भी ज़्यादा बुद्धिमान और काबिल हैं। उस बुद्धिमान व्यक्ति का नाम अल-खिद्र था। जो हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से उस जगह पर मिला था। 

इस कहानी से ये सबक मिलता हैं की भले ही आपके पास ज्ञान हो लेकिन उस ज्ञान का आपको घमंड नहीं होना चाहिए क्यूंकि कोई दूसरा व्यक्ति आपसे ज़्यादा काबिल और बुद्धिमान हो सकता हैं।

चौथी कहानी (राजा धुल क़रनैन की कहानी)

चौथी और आखरी कहानी एक राजा की हैं जिसका नाम धुल क़रनैन था जिसने लोगो की भलाई और ज़रूरतमंद लोगो की मदद के लिए दुनिया भर का सफर किया वे जहाँ भी गए वहां उन्होंने अच्छाई फैलाई उन्होंने लोगो को गोग और मागोग नामक जनजाति से लोगों को आज़ाद करवाया था।

इस तरह इन चार कहानियों का ज़िक्र सूरह कहफ़ में आया हैं आप अगर इन कहानियों को तफ्सील से पढ़ना चाहते हे तो आप सूरह कहफ़ पढ़े और इन कहानियों को पढ़ने के बाद अपनी ज़िन्दगी को अल्लाह के बताये रास्तों के मुताबिक सुधारे।

सूरह कहफ़ पढ़ने के फायदे और उसकी फ़ज़ीलत 

  • जो शख्स हर जुमा को सूरह कहफ़ पढ़ेगा वह दज्जाल के फितना मतलब उसके विनाश से महफूज़ रहेगा। 
  • हर जुमा की नमाज़ के बाद सूरह कहफ़ पढ़ने से अल्लाह उस शख्स के गुनाहों को माफ़ कर देता हैं। 
  • हर जुमा को सूरह कहफ़ पढ़ने से घर में गरीबी नहीं आती और घर के माल की हिफाज़त रहती हैं। 
  • हर जुमा को सूरह कहफ़ पढ़ने से चेहरे पर एक नूर रहता हैं जो अगले जुमा तक रहता हैं। 
  • सूरह कहफ़ पढ़ने वाला शख्स को दुनिया में बहुत कामयाबी हासिल होगी यानि कामयाबी उस शख्स के कदम चूमेगी। 
  • सूरह कहफ़ हमें अल्लाह के बताये रास्तों पर चलने के लिए प्रेरित करता हैं। 
  • सूरह कहफ़ पढ़ने वाले शख्स के कारोबार में बहुत बरकत रहती हैं इसलिए कारोबार में बरकत के लिए सूरह कहफ़ पाबन्दी से पढ़ना चाहिए। 
  • सूरह कहफ़ से हमारे दिल को सुकून मिलता हैं जिसकी फ़ज़ीलत से हम हर तरह की परेशानियों से महफूज़ रहते हैं और हमारे दिल में किसी तरह की गलत बात नहीं आती। 
  • सूरह कहफ़ पढ़ने से मुसलमानो का ईमान हमेशा मज़बूत रहता हैं। 
  • जिन लोगों में विश्वास यानि कॉन्फिडेंस की कमी होती हैं उन्हें चाहिए की सूरह कहफ़ पाबन्दी से पढ़े जिसकी बरकत से वह किसी भी काम को करने या शुरू करने से कभी घबराएंगे नहीं। 
  • सूरह कहफ़ शख्स को अल्लाह के करीब लाती हैं जिससे हर वक़्त शख्स की हिफाज़त रहती हैं और अल्लाह हर वक़्त उसके करीब रहता हैं।

सूरह फातेहा को पढ़ने के फायदे और उसकी फ़ज़ीलत (Surah Fatiha Padhne Ke Fayde)

Surah Fatiha Padhne Ke Fayde

सूरह अल फातेहा क़ुरान की पहली सूरह हैं। इसमें कुल 7 आयतें हैं जिसमे अल्लाह के बताये रास्तों पर चलने उसकी ताकत और गुनाहों से माफ़ी की दुआ शामिल हैं। सूरह फातेहा में फातेहा शब्द का मतलब होता हैं किसी चीज़ की चाबी या किसी चीज़ को खोलना। चूँकि सूरह फातेहा क़ुरान की पहली सूरह हैं इसलिए इसमें फातेहा का मतलब भी इसकी पहली सूरह होने को साबित करता हैं। हम हर नमाज़ में इस सूरह को पढ़ते हैं इसी बात से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की यह सूरह कितनी मुक्क्दस सूरह हैं। 

कई इस्लामिक विधवानों का मानना हैं की सूरह फातेहा मक्का में नाज़िल हुई जबकि कुछ का मानना हैं की यह मदीना में नाज़िल हुई। खेर सबसे पहले हमें ये जानना ज़रूरी हैं की सूरह फातेहा में क्या कहा गया हैं या कहे क्या बताया गया है?

सूरह फातेहा और उसका हिंदी में मतलब 


بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعَالَمِيْنَ ، الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ، مٰلِكِ يَوْمِ الدِّيْنِ ، إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِيْنُ ، اِهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيْمَ ، صِرَاطَ الَّذِيْنَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوْبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّآلِّيْنَ


सूरह फातेहा का हिंदी तर्जुमा 

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा दयालु और बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला हैं। अल्लाह का बहुत बहुत शुक्रिया जिसने इस पुरे संसार या इस दुनिया को बनाया। अल्लाह ही इस पूरी दुनिया का मालिक हैं। हम सिर्फ आपकी ही इबादत करते हैं और आप से ही हर तरह की मदद की दुआ करते हैं। ए अल्लाह हमें सही रास्तो पर चला, वह रास्ता जो सीधे हमें तेरी तरफ ले जाता हैं। वह रास्ता नहीं तो हमें भटका दे और जहन्नम के रास्ते पर ले जाये। 

सूरह फातेहा हमें अल्लाह के बताये रास्तों पर ले जाती हैं। हम हर नमाज़ में इस सूरह को पढ़ते हैं और ये गवाही देते हैं की अल्लाह के सिवा इस दुनिया में कोई नहीं हैं। सूरह फातेहा पढ़ना हर तरह से अफ़ज़ल हैं। ये हमारे बदन और दिल को महफूज़ रखती हैं। इस सूरह को पढ़ने में बहुत शिफा हैं। आज हम यही बताएँगे की सूरह फातेहा को पढ़ने के क्या फायदे हैं और इसकी क्या फ़ज़ीलत हैं?


सूरह फातेहा को पढ़ने के फायदे 

  • यह हर नमाज़ में पढ़ने वाली सूरह हैं जिससे शख्स अल्लाह के करीब रहता हैं और कई इनामो का हक़दार बनता है। 
  • सूरह फातेहा पढ़ने वाला शख्स हर तरह की बिमारियों से महफूज़ रहता हैं ये सूरह हमें बीमारियों से बचाती हैं। 
  • ये सूरह हमारे दिल को मज़बूत रखती हैं हमारे दिल में मौजूद नफरत और गुस्से को बहार निकाल देती है। 
  • ये सूरह हमारे दिलो में पनप रहें नापाक इरादों को करने से रोकती हैं। 
  • सूरह फातेहा पढ़ने वाले शख्स को अल्लाह बहुत मदद करता है और उसे हर परेशानी से बचाता है। 
  • ये सूरह हमारी दुश्मनो से महफूज़ रखती हैं ये सूरह पाबन्दी से पढ़ने वाले शख्स की हिफाज़त की ज़िम्मेदारी अल्लाह की हो जाती है। 
  • ये सूरह हमें क़यामत के दिन होने वाले अज़ाबों से बचाएगी और हमारे सज़ाओं को कम करेगी। 
  • सूरह फातेहा हमें हमेशा सही रास्ता दिखाएगी अगर आप को लग रहा हैं की आप गलत रास्तों पर चल रहे हैं तो आप सूरह फातेहा रोज़ पढ़े इंशाअल्लाह आप को सही रास्तो पर ले जायेगा। 
  • सूरह फातेहा हमारे दिमाग को बहुत मज़बूत रखती हैं और हमें टेंशन और परेशानी से छुटकारा दिलवाती हैं। 
  • सूरह फातेहा हमें अल्लाह के बहुत करीब लाती हैं जिसकी बदौलत हम गुनाहों से बचे रहते है। 
  • सूरह फातेहा पढ़ने वाले शख्स के लिए अल्लाह जन्नत के दरवाज़े खोल देता हैं। 
  • सूरह फातेहा पढ़ने वाला शख्स बुरी बालाओं और आफतों से महफूज़ रहता हैं।


आखरी पैगाम 

क़ुरान एक किताब ही नहीं बल्कि इसमें ज़िन्दगी जीने का तरीका मुसीबतों और परेशानियों से बचने का तरीका और गुनाहो से बचने और जहन्नम के अज़ाब से बचने और उसे कम करने की बातें बताई गयी हैं। आजकल के मुसलमानो को दिन भर मोबाइल चलना मंज़ूर हैं। बेमतलब की चीज़े देखना मंज़ूर हैं, लेकिन क़ुरान और नमाज़ पढ़ने के लिए लोगो को वक़्त नहीं हैं। यही वजह हैं की आज का मुसलमान मक्कार चुगलखोर और ग़ीबत से भर चूका हैं। आज का मुसलमान इसलिए परेशान हैं क्यूंकि वह अल्लाह की इबादत के लिए वक़्त नहीं निकालता। उन्हें लगता हैं की हम सिर्फ रमज़ान में इबादत करके पुरे साल के गुनाहों से बच जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं हैं अल्लाह की इबादत आपको हर दिन करना हैं तभी आप एक अच्छी और खुशगवार ज़िन्दगी जी पाएंगे और अल्लाह के अज़ाबो जैसे बीमारियों और हादसों से बचे रहेंगे। खैर हम सब को चाहिए की हम अल्लाह की इबादत करे उसके बताये रास्तों पर चले। 

हर बीमारी से शिफा की इस्लामी दुआएं (Har Bimari ka Ilaj in Islam)

हर बीमारी से शिफा की इस्लामी दुआएं (Har Bimari ka Ilaj in Islam)

आज दुनिया में रहने लगभग सभी लोग कोई न कोई बीमारी या सेहत से जुडी परेशानियों से जूझ रहे है। हर बीमारी के इलाज के लिए वह डॉक्टर के पास जाते है और दवाई से इलाज करवाते है। जिन दवाइयों को लेने के बाद उनको उसकी आदत हो जाती है और वह हमेशा इस तरह की दवाइयों को ही अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बना लेते है। कहने का मतलब उन दवाइयों के बिना फिर वह रह नहीं पाते और हर छोटी छोटी सेहत से जुडी परेशानियों के लिए दवाइयों के इस्तेमाल करते है। लेकिन क्या आप को पता है की क़ुरान की आयतों का इस्तेमाल करके भी कई बीमारीयों का इलाज किया जा सकता है? जी हाँ ये बिलकुल सच है की क़ुरान की मदद से आप गंभीर से गंभीर बीमारी से बच सकते है और अगर बीमारी हो भी गयी हो तो उससे छुटकारा पा सकते है।

पवित्र क़ुरान न सिर्फ एक किताब है बल्कि इसमें पूरी ज़िन्दगी खुशहाली से जीने के तरीके भी इसमें बताये गए है। आज हम कुछ बीमारीयों या सेहत से जुड़ी रोज़मर्रा की परेशानियों से बचने के लिए कुछ क़ुरान की दुआओं का ज़िक्र करेंगे। जिन दुआओं का इस्तेमाल करके आप काफी बीमारीयों से बच सकते है। 

क़ुरान में ऐसी कई सारी सूरह हैं जैसे सूरह अल इस्रा और सूरह अल शिफा,सूरह अल फातिहा वगैरह जिसकी मदद से आप किसी भी बीमारी से लड़ सकते हैं। चलिए हम एक एक करके कुछ बीमारीयों और सेहत से जुड़ी रोज़ की परेशानियों से बचने और उससे छुटकारा पाने के लिए कुछ इस्लामी दुआओं को बताते है।

सर दर्द से छुटकारा पाने के लिए पहली इस्लामी दुआ 

 لَّا یُصَدَّعُوۡنَ عَنْہَا وَلَا یُنۡزِفُوۡنَ

ला युसद दाऊना अनहा वला युनजिफूना

जब की आपको सर दर्द हो ये दुआ कम से कम 7 मर्तबा पढ़ कर पानी में दम करे और उस पानी को पी कर थोड़ा सा पानी जहाँ सर दर्द हो रहा है वहां उस पानी से हलकी मालिश करे। इंशा अल्लाह सर दर्द से छुटकारा मिल जायेगा। आप 7 बार या उससे ज़्यादा भी इसे पढ़ सकते हैं लेकिन कोशिश करें कम से कम 7 मर्तबा तो ज़रूर पढ़े। 

सर दर्द से छुटकारा पाने के लिए दूसरी इस्लामी दुआ 

हम आपको एक और दुआ बता रहे है जो सर दर्द के इलाज में काफी फायदेमंद है जो इस तरह है। 

أَذْهِبِ الْبَاسَ رَبَّ النَّاسِ اشْفِهِ أَنْتَ الشَّافِي لاَ شِفَاءَ إِلاَّ شِفَاؤُكَ شِفَاءً لاَ يُغَادِرُ سَقَمًا

अधहिब अल बास रब्बननास अशफीही अंता अंतशफ़ी ला शिफाआ इल्ला शिफुका शिफाअन ला युग़दीरु सकामन

ये दुआ भी सर दर्द के लिए काफी मुफ़ीद दुआ है। जब भी सर दर्द हो इस दुआ का ज़िक्र करें और पानी में दम करके वह पानी पी ले और कुछ पानी जहाँ दर्द है वहां लगा ले अल्लाह के फज़लों करम से सर्द दर्द कुछ ही देर में गायब हो जायेगा।

दिल की बीमारी से बचने और छुटकारे के लिए इस्लामी दुआ 

अगर किसी को दिल की कोई बीमारी हो गयी हैं जैसे छाती में दर्द या छाती में बेचैनी या फिर इस तरह की दिल की बीमारी से बचना चाहते हैं तो नीचे बताई गयी दुआ पढ़े और अल्लाह से दुआ मांगे। 

الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَتَطْمَىِٕنُّ قُلُوْبُهُمْ بِذِكْرِ اللّٰهِ ۗ اَلَا بِذِكْرِ اللّٰهِ تَطْمَىِٕنُّ الْقُلُوْبُ

अल्लज़ीना अमानुव व ततमा इन्नु कुलुबुहुम बिज़िकरिल्लाह अला बिज़िक रिल्लाहे ततमा इन्नुल क़ुलूब 

ये दुआ की बरकत से आप सीने में दर्द से छुटकारा पा सकते हैं और अपने दिल को मज़बूत बना सकते हैं। दिल की हर बीमारी इस दुआ की बरकत से दूर हो जाएगी। कोशिश करें वज़ू करके जब भी आपको वक़्त मिले इसका पाबन्दी से ज़िक्र करे जिसकी बरकत से आप दिल की हर बीमारी से बच सके।

दांत में दर्द से छुटकारे के लिए इस्लामी दुआ 

ھُوَالَّذِیْٓ اَنْشَاکُمْ وَجَعَلَ لَکُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَوَالْاَفْءِدَۃَ قَلِیْلاًمَّاتَشْکُرُوْنَ۔

हुवल्लज़ी अंशाकुम वजअल लकुमुस्समाअ वलअबसरा वलअफ ऐदाता क़लीलम्मा तशकुरुन

जब भी आपके दांत या मसूड़ों में दर्द हो तो ये दुआ 14 मर्तबा पढ़ कर पानी में दम करके वह पानी पी लें। इंशाल्लाह दांत में दर्द से आपको छुटकारा मिल जायेगा और दांत में पनप रहे कीड़े और बीमारियां दूर हो जाएगी।

किडनी में पथरी होने पर उससे छुटकारे की इस्लामी दुआ 

जिस किसी शख्स को किडनी में पथरी हो गयी हो और वह उस पथरी के दर्द से बहुत परेशान रहता हैं तो उसे चाहिए की नीचे बताई दुआ को एक कागज़ पर लिख कर एक बोतल में पानी भरकर वह कागज़ उस पानी की बोतल में डाल दे और रोज़ उस बोतल से पानी पिए जब तक की वह पथरी निकल न जाये। इंशाल्लाह आपकी पथरी निकल जाएगी और आपको दर्द से भी छुटकारा मिल जायेगा पथरी के दर्द से छुटकारे की दुआ इस तरह हैं

 رَبُّنَا اللَّهُ الَّذِي فِي السَّمَاءِ تَقَدَّسَ اسْمُكَ أَمْرُكَ فِي السَّمَاءِ وَالْأَرْضِ كَمَا رَحْمَتُكَ فِي الْأَرْضِ وَاغْفِرْ لَنَا حَوْبَنَا وَخَطَايَانَا أَنْتَ رَبُّ الطَّيِّبِينَ فَأَنْزِلْ شِفَاءً مِنْ شِفَائِكَ وَرَحْمَةً مِنْ رَحْمَتِكَ عَلَى هَذَا الْوَجَعِ

रब्बूनल्लाहुल्लाजी फिस्समाए तकददस असमुका अमरुका फिस्समाए वलअर्दे कमा रहमतुका फीलअर्दे वाग्फिरलना हुबाना वखतयाना अंता रब्बूतैना फंजील शिफाअन मिन शिफाऐका वरहमतन मिन रहमतेका अला हाज़ा अलवाजाई

पेट में दर्द से छुटकारा की इस्लामी दुआ 

जिस किसी शख्स को अक्सर पेट में दर्द की शिकायत रहती हैं चाहे वह ख़राब खाने की वजह से हो या औरतों में पीरियड की वजह से हो या पेट में गैस की वजह से तो वज़ू करके एक गिलास में पानी लें और नीचे बताई दुआ को 3 मर्तबा पढ़ कर उस पानी में दम करके वह पानी पिए  इंशाल्ल्लह पेट दर्द से छुटकारा मिलेगा। दुआ इस तरह हैं 

لَا فِيهَا غَوْلٌۭ وَلَا هُمْ عَنْهَا يُنزَفُونَ 

लाफीहा गवलु वलहूम अन्हा युन्जाफुंना

चमड़ी (Skin) की बीमारी से निजात की इस्लामी दुआ 

जिस किसी शख्स को चमड़ी से जुडी कोई भी बीमारी हो जैसे फोड़े फुंसी या कोई और इन्फेक्शन तो नीचे बताई दुआ को पढ़े और अल्लाह से उससे शिफा की दुआ मांगे। इंशाल्लाह चमड़ी की बीमारी से आपकी निजात मिलेगी। ये दुआ हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम पढ़ते थे। जब उनको चमड़ी से जुड़ी एक गंभीर बीमारी हो गयी थी। उन्होंने कई सालों तक इस दुआ को पढ़ा और एक दिन उनकी वह बीमारी दूर हो गयी थी। उनका उस बीमारी का किस्सा हमने हमारे पुराने ब्लॉग में बताया हैं आप जाकर पढ़ सकते है या आप उनकी बीमारी का किस्सा पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं चमड़ी की बीमारी से निजात की दुआ इस तरह हैं 

رَبَّهُ أَنِّي مَسَّنِيَ الضُّرُّ وَأَنتَ أَرْحَمُ الرَّاحِمِينَ

रब्बी अन्नी मस्सानि यददूर्रू वा अन्ता अरहामुररहीमीन

अगर इस तरह की कोई बीमारी कई इलाज के बावजूद सही नहीं हो रही हैं तो आप ये दुआ को दिल से पढ़े और अल्लाह से शिफा के लिए दुआ मांगे इंशाअल्लाह बीमारी दूर हो जाएगी यही दुआ कैंसर के मरीज़ो को भी पढ़नी चाहिए इस दुआ की बरकत से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से भी आपको शिफा मिलेगी। 

आखरी पैगाम 

हर बीमारी से बचने के लिए हमें अहतियात रखना बहुत ज़रूरी हैं जैसे की खान पान का मौसम का वगैरह। ये सभी चीज़ो के पहले ध्यान देना ज़रूरी हैं बीमारी अगर अल्लाह ने दी हैं तो उससे शिफा अता फरमाने वाला भी अल्लाह ही हैं। बस हमें ध्यान रखना हैं की हम हमारी सेहत से कोई खिलवाड़ न करें। खुद को कभी तकलीफ न दे। अल्लाह ने ये ज़िन्दगी ख़ुशी से जीने अल्लाह की इबादत करने और अच्छे काम करने के लिए दी हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग गलत तरीको से ज़िन्दगी जीते हैं। कोई बेवजह टेंशन पाल लेता है तो कोई बिना कुछ सोचे हर कुछ खा लेता हैं। जिसके अंजाम बहुत बुरे होते हैं। टेंशन लेने से भी तरह तरह की बीमारियां बदन में पैदा हो जाती हैं और गलत खानपान से भी दिल और पेट की बीमारियां जन्म लेती हैं। 

बेहतर हैं आप पहले इन चीज़ो का ध्यान रखे। हम यह नहीं कहते की बीमार होने पर कोई दवाइयां न ले और सिर्फ इन इस्लामिक दुआओं से अपनी बीमारियों को दूर करें। जहाँ दवाई की ज़रूरत हैं वहां दवाई लेना भी जायज़ हैं। दवाइयां अगर असर नहीं कर रही या आप दवाइयां लेना नहीं चाहते तो आप इन दुआओं की मदद से उन तमाम बीमारियों का ख़ात्मा कर सकते है। ख़ैर जाते जाते यही नसीहत देंगे की अपना ध्यान रखे, अल्लाह से अपने गुनाहो की तौबा हर वक़्त करें गुनाह करने से बचे और अल्लाह की इबादत करते रहे। 

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