इंसान कितना ही बड़ा अमीर, वज़ीर, बादशाह बन जाये, वह हमेशा इंसान ही रहेगा खुदा नहीं हो सकता। इंसान को अल्लाह पाक ने बेपनाह इल्म व ताकत से नवाज़ा हैं। फिर भी वह मजबूर हैं। ज़िन्दगी में कदम कदम पर उसे अल्लाह के दरबार में हाथ फैलाना पड़ता हैं। इंसान न तो अपनी खुद की मर्ज़ी और खुशी से इस दुनिया में आया हैं और न ही अपनी मर्ज़ी से जा सकता हैं। अल्लाह जब चाहता हैं पैदा फ़रमा देता हैं और जब चाहता हैं उसे उठा लेता हैं। किसको कैसी मौत देनी हैं और किसको कैसी ज़िन्दगी सब अल्लाह के हाथ में हैं। कोई अचानक खड़े खड़े मर जाता हैं कोई बरसों तक बिस्तर पर एड़ियां रगड़ कर मरता हैं। किसी की मौत अस्पताल के आई सी यु में होती हैं जहाँ उसके पास कोई नहीं होता और किसी की मौत इस तरह होती हैं की सोच कर भी डर लग जाये।
अल्लाह पाक ने क़ुरान पाक में सब को इस हक़ीक़त से आगाह फ़रमा दिया हैं की हर पैदा होने वाले को किसी न किसी दिन मरना हैं और यह बात कोई नहीं जानता की कब कौन कहाँ और कैसे मरेगा। इस ज़मीन पर ऐसे भी ज़ालिम भी गुज़रे हैं जिन्होंने अपनी दौलत और हुकूमत के नशे में खुदाई होने का दावा किया और लोगो से अपनी पूजा करवाई। उनका जो भयानक अंजाम हुआ उसके कई वाकेआत क़ुरान मजीद में मौजद हैं।
नमरूद ने अपनी हुकूमत और ताकत में नशे में चूर होकर खुदाई होने का दावा किया तो उसे समझाने के लिए अल्लाह पाक ने हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को भेजा। आपने उसे बहुत समझाया बरसों तक समझाते रहे वह नहीं माना तो अल्लाह पाक ने उसे हलाक (ख़त्म करके) उसका नामो निशान मिटा दिया।
फ़िरऔन का घमंड खाक में मिलाने के लिए अल्लाह ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को भेजा आपने उसे समझाया-फ़िरऔन ! तू खुदा नहीं हैं बल्कि खुदा का बंदा हैं। तेरा खुदा तो वह हैं जिसने तुझे पैदा फ़रमाया हैं लेकिन हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की बातें उसको समझ में न आयी वह लगातार लोगो से अपनी पूजा करवाता रहा और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और आपके साथियों को तरह तरह से सताने लगा। जब हद हो गयी तब अल्लाह पाक ने उसे उसकी फौज समेत समुन्दर में बहा दिया।
इसी तरह शद्दाद को भी अपनी दौलत पर बड़ा नाज़ और घमंड था। उस नादान ने तो खुदा से टक्कर लेने के लिए बेपनाह दौलत खर्च करके दुनिया में ही जन्नत बनवा डाली लेकिन अफ़सोस वह अपनी बनवाई जन्नत में कदम भी न रख सका। वह दाखिल होना ही चाहता था की एक मच्छर ने उसकी सारी हसरतों पर पानी फेर दिया और वह अपनी बनावटी जन्नत में कदम न रख सका। कारून भी अपनी दौलत के नशे में चूर हो गया था। अल्लाह पाक ने उसे भी उसके ख़ज़ानों समेत ज़मीन में धंसा दिया।
खुदाई का दावा करने वाले दौलतमंदो बादशाहो को अल्लाह पाक ने इसलिए ऐसी भयानक सज़ा दी ताकि दुसरो को सबक हासिल करने का मौका मिले और लोग अपनी दौलत और हुकूमत के नशे में खुदा बनने की भूल न करें, लेकिन अफ़सोस आज भी वह पुराना सिलसिला जारी हैं। दुनिया में चारों तरफ ऐसे ज़ालिमों के ज़ुल्म से अल्लाह के बन्दे तबाह और परेशान हो रहे हैं। आज भी ऐसे ज़ालिम लोग अपने रुतबे और दबंगई से लोगो के साथ ज़ुल्म कर रहे हैं। आज जवान लड़कियों के साथ ऐसे ज़ालिम और दबंग लोग गलत काम करते हैं और दौलत और पैसो के दम पर सब को उनके खिलाफ बोलने से चुप करवा देते हैं। दौलत के दम पर गरीबों के साथ ज़ुल्म करते हैं। गरीबों के बच्चो और औरतो को एक खिलौना समझते हैं। ऐसे लोगो के खिलाफ कोई आवाज़ नहीं उठाता। यह हम लोगों की कमज़ोरी हैं की हम ऐसे दौलत मंद और दबंग लोगो से डरते हैं। आज हम अगर मज़बूत हो जाये और हिम्मत करके ऐसे लोगो को ख़त्म कर दे तो दुनिया में कभी ऐसे ज़ालिम लोग पैदा नहीं होंगे।
बहरहाल हमें चाहिए की हम किसी भी इंसान को खुदा न समझ कर सिर्फ अल्लाह की इबादत करें। किसी ऐसे शख्स के चक्कर में न आये जो खुदा होने का दावा करता हो। जो भी मांगना हैं अल्लाह से मांगे और किसी के सामने हाथ न फैलाये बेशक अल्लाह बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला हैं।