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बुरी नज़र का रूहानी इलाज (Spiritual Treatment of Evil Eye)

बुरी नज़र का रूहानी इलाज (Spiritual Treatment of Evil Eye)
अल्लाह  पाक ने तरह तरह  की बीमारिया पैदा फ़रमाई है और उनकी दवाये भी पैदा फ़रमाई है इंसान अपने इलाज और कोशिश से नई नई बीमारिया की नई नई दवाये तलाश करके अपना इलाज करा रहा है लेकिन कुछ बीमारिया ऐसी है जिनका इलाज किसी दवा से नहीं हो सकता उनके लिए रूहानी इलाज ही कारगर साबित होता है, यही वजह है की इंसान कभी कभी बरसो तक अलग अलग हकीमो और डाक्टरों से इलाज कराने के बाद भी अच्छा नहीं हो पाता है उनकी बीमारी का इलाज क़ुरान और सुन्नत की रौशनी में ही मुमकिन होता हैं। यही वजह हैं की कामिल हज़रात इल्मे अमल से ऐसी बीमारियों का इलाज कर दिया करते हैं यही नहीं क़ुरान व हदीस में बयान तरीको और दुआओ को काम में लेकर मरीज़ खुद अच्छा हो सकता हैं।

आपने अक्सर सुना होगा परेशानी का शिकार शख्स कहता हैं किसी ने कुछ करा (जादू टोना) दिया हैं किसी की नज़र लग गयी हैं वगैरह वगैरह यह तकलीफे हम चाहे तो खुद दूर कर सकते हैं और ऐसी भी तदबीरें हैं की कभी इसके शिकार ही न हो उसके लिए हमें क़ुरान व सुन्नत की तालीम पर अमल करना होगा।
आज देखा जाता हैं की लोग किसी की तरक्की सहन नहीं कर पाते दिल ही दिल में उससे जलते हैं उसको नुकसान पहुँचाने की कोशिश में लगे रहते हैं, उनकी तरक्की को रोकने के लिए तरह तरह के जादू टोना करने वाले लोगो की मदद लेते हैं किसी की तरक्की खुशहाली को देखकर जलने वालो को हासिद कहा जाता हैं हासिद की नज़र बड़ी खतरनाक होती हैं इस मुसीबत से बचने के लिए अल्लाह पाक ने सूरह फ़लक नाज़िल फ़रमाई हैं जिस को पढ़ कर आप ऐसे नुक़्सानो से बच सकते हो।
      हासिद के अलावा बुरी नज़र तो एक आम आदमी की भी लग सकती हैं। लोग अपने बच्चो को इमाम साहब वगैरह के पास लेकर जाते हैं और कहते हैं, बच्चा दूध नहीं पी रहा हैं हर वक़्त रोता रहता हैं, तो इमाम साहब सूरह फ़लक और सूरह नास पढ़कर दम कर देते हैं उसके कुछ देर बाद बच्चा सही हो जाता हैं नज़र का असर खत्म हो जाता हैं। नज़र का असर से इंसान आसमान से ज़मीन पर आ सकता हैं, कहने का मतलब दौलतमंद से फ़क़ीर भी बन सकता हैं यहाँ तक की नज़र के असर से इंसान मौत तक पहुँच सकता हैं कई बार आपने सुना होगा बड़े बड़े पैसे वाले लोग रास्ते पर आ जाते हैं उन्हें खतरनाक बीमारियां लग जाती हैं सारा पैसा चंद दिनों में खत्म हो जाता हैं ये कई बार किसी की बुरी नज़र लगने से होता हैं
किसी को नज़र न लगे उसके लिए हमे चाहिए की जब हम कोई अच्छी शक्ल सूरत या चीज़ वगैरह देखे तो माशाअल्लाह या बारकल्लाह कह दे ऐसा कहने से अपनी नज़र नहीं लगेगी।
अगर कोई नज़र का शिकार हो गया हैं तो उसके सर पर हाथ रखकर यह दुआए  पढ़े,

1.कुल आऊजू बिरब्बिल फलक मीन शर्री मा खलक़ वा मीन शर्री गासीकीन ईज़ा वाक़ब वा मीन शर्रिन नफ्फासाती फील उक़द वा मीन शर्री हासीदीन ईज़ा हसद(सूरह फ़लक)

2.बिस्मिल्लाहे अरकीका,वल्लाहो यशफीका मिनकुल्ले दाइन यूजीका व मिन कुल्ले नफ़सिन औ ऐनिन हासिद-अल्लाहो यशफीका बिस्मिल्लाहे अरकीका

3.बिस्मिल्लाहे युबरीका मिन कुल्ले दाइन यशफीका व मिन शर्रे हासिदिन इज़ा हसद व मिन शर्रे कुल्लाज़ी एन

4.अल्लाहुम्मा रब्बनास अज़हबिल बास,वाशफे अन्तश शाफी,ला शिफ़ आ इल्ला शिफाअक शिफ़अन ला युगदीरो सकमा
 
                    इंशाअल्लाह नज़र का असर खत्म हो जायेगा।



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