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सूरह मुल्क क्या हैं? इसके पढ़ने के क्या क्या फायदे हैं?

सूरह मुल्क क्या हैं? इसके पढ़ने के क्या क्या फायदे हैं?


सूरह मुल्क
क़ुरान शरीफ की 67 वीं सूरह हैं यह क़ुरान शरीफ के 29 वें पारे में मौजूद हैं। इस सूरह में कुल 30 आयतें हैं। इस सूरह में कुल शब्दों की संख्या 337 तथा कुल अक्षरों की संख्या 1316 है। सूरह मुल्क मक्का में नाज़िल हुई थी इसलिए इसे मक्की सूरह भी कहा जाता हैं। 

सूरह मुल्क में किस बात पर ज़ोर दिया गया हैं? 

इस सूरह में अल्लाह ने इस बात पर ज़ोर दिया हैं की कोई भी इंसान अपनी मनमानी नहीं कर सकता यानि इंसान अपनी इच्छा दूसरे लोगों पर थोप नहीं सकता। उससे ज़बरदस्ती काम नहीं करवा सकता। वह सिर्फ हुक्म दे सकता हैं। अगर कोई हुक्म नहीं माने तो कोई उससे ज़बरदस्ती नहीं कर सकता।

सूरह मुल्क पढ़ने के क्या फायदे हैं?

  • क़यामत के दिन सूरह मुल्क पढ़ने से आपके गुनाह माफ़ हो जाते हैं।
  • एक हदीस के मुताबिक पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने लोगों से हर रात को बिस्तर पर जाने से पहले सूरह मुल्क को पढ़ने की नसीहत दी थी उन्होंने कहा था की ऐसा करने से आपको कब्र के अज़ाबों से निजात मिलेगी।
  • सूरह मुल्क पाबन्दी से पढ़ने वाले शख्स के लिए जन्नत के दरवाज़े खुल जाते हैं। 
  • सूरह मुल्क रोज़ाना पाबन्दी से पढ़ने वाला शख्स अल्लाह की तरफ से इनाम का हक़दार होगा। 
  • सूरह मुल्क हमारे ईमान की हिफाज़त करती हैं और हमें सही रास्तों पर जाने की नसीहत देती हैं। 
  • जो शख्स हर रात को सूरह मुल्क पढ़ कर सोयेगा उसकी हिफाज़त एक फरिश्ता करेगा वह रात भर उसे बुरे वसवसे से बचाएगा। 
  • सूरह मुल्क पढ़ने वाला शख्स कभी गुमराह नहीं होगा अल्लाह उसे गुमराही से बचाएगा।
  • सूरह मुल्क पढ़ने से आपकी दुआ जल्द कबूल होती हैं। 
  • ज़िन्दगी में हौसला बढ़ाने के लिए रोज़ाना सूरह मुल्क की तिलावत किया करे। 
  • सूरह मुल्क को पढ़ने से आपका दिल और दिमाग शांत रहता है दिमाग से टेंशन निकल जाती हैं और ज़िन्दगी में खुशहाली आती हैं।

सूरह मुल्क को कैसे याद किया जाये?

वैसे तो क़ुरान की कोई भी आयत या सूरह को याद करना मुश्किल नहीं हैं। हर सूरह को याद करना आसान हैं बशर्ते आप का दिल और दिमाग सिर्फ अल्लाह की तरफ होना चाहिए। क़ुरान की हर सूरह को अगर कोई शख्स दिल से पढता हैं तो वह सूरह उसको अपने आप याद हो ही जाती हैं। फिर भी हम आपको बता देते हैं की सूरह मुल्क को याद कैसे कर सकते हैं? सबसे पहले तो सूरह मुल्क पढ़ने का एक वक़्त तय कीजिये ऐसा वक़्त जिसमे आपके दिमाग में कोई दूसरी चीज़ न चल रही हो। ज़्यादातर ऐसा वक़्त रात में होता हैं या सुबह जल्दी का वक़्त होता हैं फिर भी आप अपनी सहूलियत के हिसाब से ऐसा कोई एक वक़्त निकाल लें। उस वक़्त पर रोज़ाना सूरह मुल्क की तिलावत करे और उसकी हर लाइन को धीरे धीरे तसल्ली से पढ़े। इंशाल्लाह आपको सूरह मुल्क जल्द ही याद हो जाएगी। इसके अलावा आप दिन में कभी भी सूरह मुल्क को सुना करे इससे आपको इस सूरह को याद करने में और आसानी हो जाएगी।

सूरह मुल्क हमें क्या शिक्षा देता हैं?

सूरह मुल्क में बहुत सारी अच्छी बातें बताई गयी है लेकिन इसके साथ साथ उसमें इंसानो के लिए एक सबक भी बताये गए हैं। सूरह मुल्क में बताया गया हैं की अल्लाह ही इस दुनिया का मालिक हैं। अल्लाह ने ही इस दुनिया को बनाया हैं। उसी के सहारे ये दुनिया चल रही हैं। हवा पानी खाना सभी का इंतेज़ाम वही कर रहा हैं। अगर वो नाराज़ हो गया तो पल भर में इस दुनिया को तबाह कर सकता हैं। सूरह मुल्क इंसानो को यह नसीहत देता हैं की वह अल्लाह के बताये रास्तों पर चले और गलत कामों से बचे नहीं तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। कुलमिलाकर सूरह मुल्क में ये हिदायत दी गयी है की अल्लाह ही सबका मालिक हैं। इंसानो को उसके बताये हुक्मो का पालन करना चाहिए नहीं तो अल्लाह सब कुछ ख़त्म कर देगा। 

सूरह मुल्क में यह भी बताया गया हैं की जो लोग अच्छा काम करते हैं और दुनिया में रहते अल्लाह से डरते हैं उन्हें इनाम दिया जायेगा और अल्लाह पर उनकी रहमत बरसेगी और जो बुरा काम करेगा उसको सज़ा भी मिलेगी। अल्लाह सूरह मुल्क में ऐसे लोगों को चेतावनी देता हैं जो अल्लाह को नहीं मानते और बुतों की पूजा करते हैं ऐसे लोग भयंकर अज़ाब का शिकार होंगे। 

आखरी नसीहत 

सूरह मुल्क पढ़ कर हमें ये अंदाज़ा तो लग ही जाता हैं की अल्लाह ही सबसे बड़ा हैं इंसान उसके सामने कीड़े मकोड़ो की तरह हैं। अल्लाह चुटकी में इस दुनिया को बना भी सकता हैं और बर्बाद भी कर सकता हैं। आज हम देखते हैं की फला जगह पर भूकंप आया तो हज़ारों लाखों लोग मारे गए आप सोच सकते हैं की पल भर में बड़ी बड़ी इमारतें मिट्टी में मिल जाती हैं। लोग कुछ ही मिनटों में दम तोड़ देते हैं। ऐसी मुसीबतों कभी भी कहीं भी आ सकती हैं इसलिए हमें अपने गुनाहो से माफ़ी मांगना चाहिए। सिर्फ अल्लाह के बताये रास्तों पर चलना चाहिए अगर हम अमीर इंसानों को ही सब कुछ मानने लगेंगे तो अल्लाह हम से नाराज़ हो जायेगा और हम उसके अज़ाब का शिकार कभी भी हो सकते हैं। इसलिए हमें सिर्फ अल्लाह की इबादतों पर ध्यान देना चाहिए। अपने गुनाहो की माफ़ी मांगनी चाहिए। दुनियावी ज़िन्दगी ही सब कुछ नहीं हैं हमें अपनी आख़िरत को भी याद करना चाहिए ताकि हम जहन्नम की अज़ाबो से बच सके।

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